दीपावली पूजन विधि




झाड़ू पर कलावा बांधे माँ लक्ष्मी का ध्यान करते हुए झाड़ू से पूजा स्थल को स्वछ करें । झाड़ू को एक कोने में रख दें।
ईशान कोण (ne) में पूजा की चौकी लगाएं और उस पर पीला कपड़ा बिछा दें । एक पीतल /स्टील के पात्र में चांवल भरकर रख दें। ( उत्तर दिशा में)
*सामाग्री* ÷ गणेश लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर समीप कुबेर यंत्र, श्री यंत्र स्थापित कर रख दें। एक पानी ( जटा वाला ) नारियल गणेश जी के सीधे हाथ की तरफ स्थापित कर दें। तत्पश्चात गणेश जी के सीधे हाथ की ओर से घी का दीपक व धूप जलाएँ तथा लक्ष्मी जी के बाएँ हाथ की तरफ तिल के तेल का दीपक जलाएँ। गणेश जी के सम्मुख एक लाल वस्त्र बिछा दें । उस पर 1 चाँदी का सिक्का, 11 कोड़ी ,11गोमतीचक्र,साबुत धनिया ,छुवांरे 21 पीस , कमलगट्टे 21 पीस,साबुत हल्दी की गांठ 11 पीस रख दें ।
अब गणेश लक्ष्मी जी का विधिवत पूजन करें। गणेश लक्ष्मी को स्नान कराकर, श्रीयंत्र कुबेर यंत्र आदि तिलक करें। चवांल पुष्प अर्पित करें। चंदन लेपन भी करें । धूप दीप दिखाकर नैवेद्य का भोग लगाएँ ततपश्चात समस्त देवी देवताओं की आरती दिखाएं औऱ साथ में श्री गणेश जी व मां धनसंपदा श्री लक्ष्मी की आरती करें।
÷ एक चौमुखी दीपक जलाकर लॉकर वाले स्थान के समीप रख दें। साथ ही साथ ,ॐ धनकुबेराय नमः , मंत्र का जाप करें ।तत्पश्चात 11 छोटे दीपक जलाकर अलग अलग कमरों में रख दें शेष दीपक चौकी के समीप रख दें।
विशेष,÷ पूजन करते समय और समाप्ति के पश्चात इन मंत्रो का जाप मन ही मन करते रहें ।
*गणेश मंत्र÷ ॐ गं गणपतये नमः।*
*लक्ष्मी मंत्र÷ ॐ श्रीं श्रीं माह लक्ष्म्यै नमः ।*





"बुधवार के दिन की पूजन विधि"
*पहले संपूर्ण पूजन शुक्रवार के दिन की विधि से संम्पन्न करें।
÷अब आपको भोग के रुपमें सभी देवताओं को खील बतासे मिठाई तथा घर में बने हुए पकवान अर्पित करने हैं। पूजा के समय गणेश जी तथा लक्ष्मी देवी के मंत्रों का जाप करते रहें । पूजा के अन्त में गणेश, लक्ष्मी की आरती कर पूजा को संपन्न करें।अब आपको दो चौमुखी दीपक जलाने हैं। एक दीपक लॉकर के सामने तथा दूसरा दीपक घर के मुख्य दरवाजे के पास में मां लक्ष्मी के स्वागत तथा अतिथि सत्कार का अपने मन में भाव रखते हुए स्थापित कर दें। फिर 11छोटे दीपक अलग-अलग कमरों में रख दें।
÷संपूर्ण पूजन पर प्रक्रिया के दौरान श्री गणेश जी व मां लक्ष्मी से यह प्रार्थना करें । आपके घर में सदैव धन सम्पदा सुख वैभव का वास बना रहें।










÷नैवेद्य के रूप में खील बतासे,मिठाई, पकवान, का भोग लगाएं।
*÷पूजन के समय ॐ श्री गं गणपतये नमः* तथा *ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः*, मंत्र का जाप करते रहे,तत्पश्चात गणेश व लक्ष्मी जी की आरती करें। ÷गुरुवार के दिन तीन चौमुखी दीपक जलाएं, एक चौमुखी दीपक लॉकर के पास रखें दूसरा दीपक मुख्य द्वार के समीप तथा तीसरा दीपक गणेश जी के सम्मुख रख दें। और श्री जी से प्रार्थना करते हुए धन वैभव सुख शांति का वरदान मांगे। -गणेश जी के सम्मुख दीपक रखते समय यम देव (काल के देवता) से अपने जीवन में किए जाने वाले पापों के लिए क्षमा मांगे, और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हाथ जोड़कर उनका ध्यान करें। तत्पश्चात आप भगवान श्री हरि विष्णु का जाप करते हुए मां लक्ष्मी कुबेर आदि देवताओं से भी आशीर्वाद प्राप्त करें।
÷भगवान विष्णु का पूजन करने तथा केवल मंत्र जाप करने मात्र से ही मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं। भगवान विष्णु को यह दिव्य मंत्र बहुत पसंद है। *"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"*
÷घर में कम से कम 11 दीपक तिल के तेल के अवश्य जलाएं और उन्हें अलग-अलग स्थानों पर रख दें।






" शुक्रवार के दिन की पूजन विधि "

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